बगलामुखी/पीताम्बरा/दश महाविद्या देवी जप एवं पूजन

"बगलामुखी जयंती"

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां बगलामुखी जयंती मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां बगलामुखी की उत्पत्ति हुई थी। मां का एक अन्य नाम ‘देवी पीताम्बरा’ भी है। मां को पीला रंग अति प्रिय है। मां बगलामुखी की पूजा में पीले रंग के फूल, पीले रंग का चन्दन और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। माना जाता है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से जातक की सभी बाधाओं और संकटों का नाश होता है और इसके साथ ही शत्रु पराजित होते हैं।

"बगलामुखी की कथा" व "बगलामुखी मंत्र:"

 ”ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलयं बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।”

पौराणिक कथा के अनुसार, सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा। इससे चारों ओर हाहाकार मच गया, कई लोग संकट में पड़ गए और संसार की रक्षा करना असंभव हो गया। यह तूफान सब कुछ नष्ट भ्रष्ट करता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था, जिसे देख कर भगवान विष्णु जी चिंतित हो गए। इस समस्या का कोई हल न पा कर वह भगवान शिव को स्मरण करने लगे। तब भगवान शिव ने कहा कि, “शक्ति के अतिरिक्त अन्य कोई इस विनाश को रोक नहीं सकता। अत: आप उनकी शरण में जाएं…।” तब भगवान विष्णु ने हरिद्रा सरोवर के निकट पहुंच कर कठोर तप किया। भगवान विष्णु के तप से देवी शक्ति प्रकट हुईं। उनकी साधना से महात्रिपुरसुंदरी प्रसन्न हुईं। सौराष्ट्र क्षेत्र की हरिद्रा झील में जलक्रीड़ा करती महापीतांबरा स्वरूप देवी के हृदय से दिव्य तेज उत्पन्न हुआ… इस तेज से ब्रह्मांडीय तूफान थम गया। उस समय रात्रि को देवी बगलामुखी के रूप में प्रकट हुईं। त्रैलोक्य स्तम्भिनी महाविद्या भगवती बगलामुखी ने प्रसन्न हो कर विष्णु जी को इच्छित वर दिया और तब सृष्टि का विनाश रुक सका |

"शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिये करें मां बगलामुखी की उपासना..."

सौराष्ट्र में प्रकट हुए महा तूफ़ान को शान्त करने के लिये भगवान विष्णु ने तपस्या की थी और इसी तपस्या के फलस्वरुप माँ बगलामुखी का प्राकट्य हुआ था। शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिये तथा मुकदमे में विजय के लिये इनकी उपासना अचूक है।

“माँ बगलामुखी करेंगी शत्रुओं का नाश…”

देवी के दस महाविद्या स्वरुपों में से एक स्वरुप माँ बगलामुखी का है। इन्हें पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। ये स्वयं पीली आभा से युक्त हैं और इनकी पूजा में पीले रंग का विशेष प्रयोग होता है। इनको स्तम्भन शक्ति की देवी माना जाता है l

"माँ बगलामुखी पूजा के नियम और सावधानियां"

  • बगलामुखी पूजा तांत्रिक पूजा है, किसी गुरु के निर्देश के बिना नहीं करनी चाहिए l
  • बगलामुखी पूजा कभी भी किसी के नाश के लिये न करें l
  • बगलामुखी पूजा में व्यक्ति को पीले आसन, पीले वस्त्र, पीले फल और पीले नैवैद्य का प्रयोग करना चाहिए l
  • बगलामुखी मन्त्र जाप के लिये हल्दी की माला का प्रयोग करें l
  • बगलामुखी पूजा का उपयुक्त समय है, सँध्याकाल या मध्यरात्रि ।

“पूजन में इन नियमों का पालन अनिवार्य है…”

कहा जाता है कि माता बगलामुखी की विशेष प्रयोजन हेतु की जानी वाली साधना या सामान्य पूजा पाठ में भी इन नियमों का पालन करना अनिवार्य माना गया है। अगर इन नियमों के अनुसार साधना करते हैं, तो मां बगलामुखी की कृपा से साधक की हर इच्छाएं माता पूरी करती हैं ।

1 – साधना काल में ब्रह्मचर्य अनिवार्य रूप से करें ।

2 – साधना करते समय पीले वस्त्र ही धारण करें ।

3 – एक समय बिना शक्कर, नमक के उपवास रहें, या केवल फलहार पर ही रहें, एवं एक समय सुपाच्य भोजन करें ।

4 – साधना अनुष्ठान के दिनों में बाल न कटवाएं ।

5 – माता के विशिष्ट मंत्रों का जप रात्रि के 10 से लेकर प्रात: 4 बजे के बीच ही करें ।

6 – गाय के घी का ही दीपक जलावें। दीपक की बाती को पीली हल्दी में रंगकर जलायें, या तो पहले से ही पीली हल्दी में बाती को सुखाकर रख लें ।

7 – साधना में मां बगलामुखी का 36 अक्षरों वाले मंत्र का जप करना सबसे श्रेष्ठ और फलदायी होता है ।

8 – साधना किसी पवित्र एवं एकांत स्थान में, माता के किसी मंदिर में, हिमालय पर या फिर किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर करने पर पूजा शीघ्र ही सफल हो जाती है ।

9 – साधना में मां बगलामुखी का पूजन यंत्र को केवल चने की दाल से ही बनाया जाता है ।

10 – अगर आप समर्थ हो तो मंत्र को ताम्रपत्र या चांदी के पत्र पर भी अंकित करवाया जा सकता है ।

11- बगलामुखी यंत्र एवं इसकी संपूर्ण साधना अपनी सुविधा अनुसार किसी जानकार के मार्गदर्शन में ही करें ।

12- मां बगलामुखी यंत्र मुकदमों में सफलता तथा सभी प्रकार की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है । कहते हैं इस यंत्र में इतनी क्षमता है कि यह भयंकर तूफान से भी टक्कर लेने में सर्व समर्थ है ।

"मां बगलामुखी की पूजा विधि"

  • चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं l
  • चौकी पर माँ बगलामुखी के चित्र या प्रतिमा की स्थापना करें l
  • उनके सामने अखंड दीपक जलाएं । उन्हे पीले पुष्प और पीला नैवेद्य अर्पित करें l
  • सबसे पहले भैरव, मृत्युंजय की उपासना करें l
  • फिर बगला कवच का पाठ करें l
  • इसके बाद अपने संकल्प के साथ इनके मन्त्र का जाप करें l
  • मंत्र : “ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय, जिह्ववां कीलय, बुद्धि विनाशय, ह्रीं ॐ स्वाहा”
  • कम से कम छत्तीस हज़ार या एक लाख मंत्रों का जाप करें l
  • अनुष्ठान के बाद दशांश हवन भी करें l

"दरिद्रता नाश के लिये माँ बगलामुखी की उपासना कैसे करें?"

  • इसके लिए नित्य प्रातः माँ बगलामुखी की उपासना करें l
  • हल्दी की माला से दरिद्रता नाश के मन्त्र का जाप करें l
  • मंत्र : “श्रीं ह्रीं ऐं भगवती बगले मे श्रियं देहि देहि स्वाहा”
  • पूर्ण सात्विकता बनाये रखें l

"माँ बगलामुखी की सदैव कृपा पाने के लिए"

  • बगलामुखी जयंती के दिन माँ बगलामुखी को दो गाँठ हल्दी की अर्पित करें l
  • माँ से शत्रु और विरोधियों के शांत हो जाने की प्रार्थना करें l
  • एक हल्दी की गाँठ अपने पास रख लें l
  • दूसरी गाँठ को जल में प्रवाहित कर दें l
  • आप हर तरह की शत्रु बाधा से सुरक्षित रहेंगे l

भगवान विष्णु के आवाहन पर सरोवर से उत्पन्न होने वाली मां भगवती बगलामुखी की साधना करने से साधक की सभी आध्यात्मिक और भौतिक इच्छाएं मां पूरी करने में देरी नहीं करतीं l मां बगलामुखी के पूजन में पीली वस्तुओं का बड़ा महत्व है। माता के वस्त्र पीले रंग के ही होते हैं, यहां तक की इनके मंत्रों का जप करने के लिए भी पीली हल्दी की गांठ से बनी माला का ही प्रयोग होता है ।

"प्राचीन तंत्र शास्त्रों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है"

1- काली,

2- तारा,

3- षोड़षी,

4- भुवनेश्वरी,

5- छिन्नमस्ता,

6- त्रिपुर, भैरवी,

7- धूमावती,

8- बगलामुखी,

9- मातंगी,

10- कमला, ।

इन सबकी साधना का अपना ही महत्त्व है। लेकिन मां भगवती श्री बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट माना गया हैं l

"प्रभावशाली मंत्र जप व पूजा विधान"

विनियोग – दाहिने हाथ में जल लेकर इस मंत्र का उच्चारण करें, मंत्र पूरा होने पर जल को नीचे धरती पर छोड़ देवें –

विनियोग मंत्र –

अस्य : श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या नारद ऋषये नम: शिरसि ।

त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे । श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये ।

ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये । स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो: ।

ॐ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग: ।

आवाहन – सीधे हाथ में जल, अक्षत, पुष्प, हल्दी, कुमकुम व नैवेद्य आदि लेकर नीचे दिये गये मंत्र का उच्चारण करते हुए मां  बगलामुखी का पूजा स्थल पर आवाहन करें –

आवाहन मंत्र – ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय स्वाहा ।

ध्यान – आवाहन के बाद दोनों हाथों को जोड़कर उक्त मंत्र बोलते हुए श्रद्धा पूर्वक आज्ञा चक्र या हृदय में माता का ध्यान करें-

ध्यान मंत्र –

सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम्

हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम् ।

हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै

व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत् ।।

“इन मंत्र का करें जप”

कुशा या कंबल के आसन पर बैठकर – नीचे दिये गये 36 अक्षरों वाले मां बगलामुखी के मंत्र का तुलसी या स्फटीक की माला से जप करें। इस मंत्र को 1 लाख की संख्या में जप करने पर भी यह सिद्ध हो जाता है। अधिक सिद्धियां प्राप्त करने हेतु 5 या 11 लाख जप करने पड़ते हैं। जप पूर्ण होने पर पूर्णाहुति के रूप में जप का दशांश यज्ञ एवं दशांश तर्पण करना भी आवश्यक है ।

जप मंत्र में माता बगलामुखी को दसवीं विद्या माना गया है। ऐसी मान्यता है कि माता बगलामुखी की शक्तियों के सामने समस्त ब्रह्मांड की कोई भी शक्ति टिक नहीं सकती। इसलिए शत्रुओं पर विजय प्राप्ति, शत्रु भय से मुक्ति तथा प्रभावशाली वाक-शक्ति की प्राप्ति के लिए मां बगलामुखी की साधना की जाती है।

इस साधना में एक खास संख्या में बगलामुखी मंत्र के जाप का विधान है। सामान्य शत्रु बाधा दूर करने के लिए इस मंत्र का कम से कम 10 हजार बार जाप करना चाहिए। लेकिन अगर कोई बहुत बड़ी शत्रु बाधा हो या शत्रुता में जीवन-मरण का प्रश्न हो तो ऐसे में कम से कम 1 लाख बार इस मंत्र का जाप करने वाला कभी भी शत्रु से हारता नहीं। ऐसे व्यक्ति को हर प्रकार के वाद-विवाद में विजय मिलती है और वह अपनी बातों को सही सिद्ध कर पाता है।

36 अक्षरों का अचूक बगलामुखी महामंत्र

 “ऊं हल्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिहवां कीलय बुद्धिं विनाशय हल्रीं ऊं स्वाहा”

इस मंत्र को अचूक माना जाता है, इसलिए जो कोई भी इसका जप संख्या में जाप कर इसकी सिद्धि करता है, उसे किसी प्रकार भी जीवन में आकस्मिक परेशानी और हार का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे व्यक्तियों के किए हुए प्रयास कभी निष्फल नहीं होते, साथ ही उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। लेकिन अलग-अलग समस्याओं के लिए इसके अलग-अलग मंत्र भी हैं।

भय नाशक मंत्र – ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हन l

शत्रु नाशक मंत्र – ॐ बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु l

नज़र उतारने का मंत्र – ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं पीताम्बरे तंत्र बाधाम नाशय नाशय l

प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता पाने का मंत्र – ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं बगामुखी देव्यै ह्लीं साफल्यं देहि देहि स्वाहा: l

संतान रक्षा मंत्र – ॐ हं ह्लीं बगलामुखी देव्यै कुमारं रक्ष रक्ष l

लंबी आयु का मंत्र – ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहा: l

शक्ति वृद्धि मंत्र – ॐ हुं हां ह्लीं देव्यै शौर्यं प्रयच्छ l

सर्व सुरक्षा कवच मंत्र – ॐ हां हां हां ह्लीं बज्र कवचाय हुम l

"विशेष मनोकामनाओं के लिए..."

बगलामुखी मंत्रों के साथ हवन करने पर आपको इसका फल ज्यादा जल्दी मिलता है। कुछ विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए इस हवन में आप कुछ विशेष वस्तुओं का प्रयोग करें जो इस प्रकार हैं :-

  • धन, प्राप्ति तथा ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए दूध में भिगोया हुआ तिल तथा चावल को हवन में डालें।
  • संतान प्राप्ति के लिए हवन में अनार और कनेर के पत्ते जरूर डालें।
  • रोगों से मुक्ति पाकर आरोग्य की प्राप्ति के लिए हवन में किसी भी प्रकार से कुम्हार से लाई हुई चाक की मिट्टी, अरंड की लकड़ी (एक हाथ जितनी लंबी हो), अपनी सुविधा और इच्छानुसार शहद या चीनी में भुना चावल अवश्य प्रयोग करें।
  • पूर्व में शत्रु के प्रभाव से आज भी आपकी शानो-शौकत अगर नकारात्मक बनी हुई हो, तो इस हवन में गुग्गुल और तिल का प्रयोग करें। पूर्व में अपने किसी बुरे कार्य के कारण सामाजिक सम्मान खोने की स्थिति में भी आपको यही करना चाहिए।
  • किसी को वशीकृत करना हो या किसी से अपनी बात मनवानी हो तो थोड़े से शहद में तिल मिलाएं। इसे हवन में डालें। इसकी जगह आप सरसों के दाने भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • सभी प्रकार के शत्रुओं से मुक्त होने के लिए इसमें हरिताल, नमक और हल्दी की गांठे डालें।

धन्यवाद

ll प्रेम से बोले पीतांबरा माता की जय हो ll

7355690494

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