” सदमार्ग पर चलने हेतु प्रेरित करते पूज्य महाराज श्री…”
पूज्य श्री जितेन्द्री जी महाराज आवाहन करते हैं कि निम्नलिखित कर्तव्यों का पालन स्वयं भी करें और दूसरों को भी प्रेरित करें :-
- सर्व प्रथम शादी-विवाह य अन्य प्रीतिभोज कार्यक्रमों के मुख्य द्वार पर, भोजन के स्टॉल पर य अन्य ऐसे किसी स्थल पर भगवान की मूर्ति लगाना बन्द करें।
- गंगा जी, गोमती जी आदि पूज्यनीय, जीवनदायिनी नदियों में पूजन-हवन सामग्री में निकले हुए फूल एवं राख का विसर्जन करना तथा पॉलीथीन छोड़ना गलत है। अत: इसपर ध्यान दें और ऐसा न करें।
- पेड़ों को कटने से बचाएं तथा अधिक से अधिक वृक्ष रोपित करें।
- गौ माता की सुरक्षा हेतु कदम उठाएं। न कि दुग्ध निकाल कर उन्हें छोड़ दें।
- वृद्ध माता-पिता, भाई-बन्धु आदि सभी रिश्तों को स्नेह, प्रेम दें व उनकी सुरक्षा में सहभागिता दें।
- मन्दिर के सामने, सड़क पर, एवं नागरिक स्थलों पर वाहन इत्यादि ना खड़ा करें और सुगम यातायात में सहायक बनें।
- ‘सर्वस्व ईश्वर का है, ईश्वर ही दाता है…’ कि पवित्र भावना के साथ वृद्धों, गुरूजनों, माताओं, बहनों, दिव्यांगों एवं जरुरतमदों की सेवा व सम्मान करें। मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है।
- धर्म का पालन करें। अनैतिकता से दूर रहें व प्रभु कथा जहाँ भी सुनने का अवसर प्राप्त हो अवश्य सुनें। प्रभु कथा श्रवण से अध्यात्मिक व चारित्रिक बल प्राप्त होता है।
- ईश्वर ने आपको इतना सुन्दर शरीर, सुन्दर व्यवस्था दी है इसे सदुपयोग मे लगाएं। वाहन आपकी सुविधा के लिए है, न कि दुरुप्रयोग के लिए अत: वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा नियमों का पालन अवश्य करें।
- महिलाओं का सम्मान करें तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करें। महिला सशक्तिकरण में उनके सहायक बनें।
इन कर्तव्यों के पालन सेआप सुखी रहेंगे, परिवार सुखी रहेगा ,आने वाला कल सुखी होगा।