शास्त्रों में ज्येष्ठ के महीने में कुछ चीजों के बारे में बताया गया है, जिनको करने से आप ना सिर्फ स्वास्थ्य रह सकते हैं अपितु धनवान भी बन सकते हैं। आइए जानते हैं वो उपाय कौन से हैं…..
हिंदू पंचांग के अनुसार ‘ज्येष्ठ’ भारतीय काल गणना का तीसरा माह है। फाल्गुन माह की विदाई के साथ ही गर्मी शुरू हो जाती है। ज्येष्ठ या जेठ माह को गर्मी का महीना भी कहा जाता है। इस महीने में जल की पूजा की जाती है और इस माह में जल को लेकर दो त्योहार भी हैं, पहला गंगा दशहरा और दूसरा निर्जला एकादशी। इस माह में जल को बचाने का प्रयास किया जाता है।
‘इस तरह सोने से होता है रोगी’
जो व्यक्ति जेष्ठ के महीने में दिन में सोता है वह रोगी होता है। साथ ही ज्येष्ठ में दोपहर में चलना मना है। इस समय धूप में चलने से व्यक्ति बीमार हो सकता है।
‘बैंगन खाने से लगता है दोष’
ज्येष्ठ के महीने में बैंगन खाने से दोष लगता है। जिनकी जेष्ठ संतान जीवित हों उन्हें बैंगन खाने से बचना चाहिए। ज्येष्ठ महीने में बैंगन खाना संतान के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
‘इस महीने विवाह अशुभ’
ज्येष्ठ के महीने में ज्येष्ठ पुत्र और ज्येष्ठ पुत्री का विवाह करना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में बड़े पुत्र और पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए।
‘इसलिए कहा गया है एक समय करें भोजन’
ज्येष्ठ के महीने में संभव हो तो एक समय भोजन करना चाहिए। महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है- “ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।” अर्थात ज्येष्ठ के महीने में जो व्यक्ति एक समय भोजन करता है वह धनवान होता है। दरअसल इससे व्यक्ति स्वस्थ रहता है और चिकित्सा में धन नष्ट नहीं होता है।
‘तिल दान से होती है अकाल मृत्यु बाधा दूर’
ज्येष्ठ के महीने में तिल का दान उत्तम होता है। शिवपुराण में कहा गया है कि इस महीने में तिल के दान से अकाल मृत्यु बाधा दूर होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
‘इसलिए करनी चाहिए हनुमानजी की पूजा’
ज्येष्ठ के महीने में रामजी से हनुमानजी की मुलाकात हुई थी। इसलिए यह महीना हनुमानजी को प्रिय है। इस महीने में रामजी के साथ हनुमानजी की पूजा करना शुभ फलदायी होता है। इस महीने में ही ‘बड़ा मंगलवार’ मनाया जाता है जिसमें हनुमानजी की पूजा होती है।
माना जाता है की जेष्ठ मास के मंगल को जो हनुमान जी का दर्शन करता है उसके सामने चल रही प्रत्येक बाधा का दमन होता है। शत्रु का वर्चस्व समाप्त होता है। मुकदमे में अनुकूलता होती है। किसी कारण से शादी विवाह ना हो पा रहा हो तो हनुमान जी के दर्शन से, उनकी पूजा पाठ से शादी विवाह का रास्ता खुल जाता है। मंगल ग्रह अनुकूल हो जाता है। घर में मांगलिक अवसर आने लगते हैं। इसलिए प्रत्येक हिंदू को जेष्ठ मास के प्रत्येक मंगल को हनुमान जी का दर्शन करना चाहिए। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड अवश्य करना चाहिए l
🌺’जेठ मास में चार मंगल पड़े हैं’-
जेठ का पहला मंगल 28 मई,
जेठ का दूसरा मंगल 4 जून,
जेठ का तीसरा मंगल 11 जून,
जेठ का चौथा और अंतिम बड़ा मंगल 18 जून को है l
धन्यवाद l
प्रेम से बोलिए राघव प्यारे की जय ll