धनतेरस पूजन
- विधिपूर्वक धनतेरस पूजन करवाने में 2 घण्टे का समय लगता हैं l
"धनतेरस पूजन"
धनतेरस के दिन से दीपावली पर्व का एहसास होने लगता है। दीपावली के दो दिन पहले मनाया जाने वाले धनतेरस के त्योहार का सीधा संबंध मां लक्ष्मी से है। इसके अगले दिन छोटी दीपावली और फिर दीपावली का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं में मां लक्ष्मी को धन संपदा की देवी कहा गया है। कहते हैं कि उनकी कृपा जिन पर हो जाती है, उन्हें इस संसार की सभी खुशियां मिलती हैं। इसी लिए भक्त धूमधाम से मां की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन आप जो कुछ भी खरीदते हैं, वह आपके जीवन में शुभ बन कर आता है। किन्तु आपने कभी यह सोचा है कि धनतेरस का दिन क्यों इतना शुभ माना जाता है?
पूरे देश में लोग यह त्योहार मनाते हैं। कहते हैं कि त्योहार कोई भी हो, उसका व्यवहारिक और धार्मिक महत्व होता है। क्योंकि ऐसा करते समय हम नई पीढ़ी को भी संस्कार दे रहे होते हैं। धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘धन और तेरस’। इसमें ‘तेरस’ शब्द संस्कृति भाषा के त्रयोदस का हिंदी रूपांतरण है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन इस त्योहार को मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि एवं कुबेर देवता की पूजा की जाती है। भगवान कुबेर को धन का स्वामी भी कहा जाता है।
धन्यवाद
प्रेम से बोले लक्ष्मी मैया की जय।
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