दीपावली पूजन
- विधिपूर्वक दीपावली पूजन को संपन्न करवाने में लगभग दो घंटे का समय लगता हैं l
दीपावली के अवसर पर गणेश लक्ष्मी के पूजन के महत्व के बारे में श्रवण करें..............
- देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ। हजारों साल चले इस मंथन में एक दिन महालक्ष्मी निकलीं। उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी।
- राम-सीता और लक्ष्मण के अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली मनाई जाती है।
- मात्र गौरी पुत्र गणेश तथा विष्णु पत्नी लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।
- दीपावली के दिन मां लक्ष्मी तथा श्री गणेश की पूजा का बहुत महत्व है। इनकी पूजा के बिना यह त्योहार अधूरा माना जाता है।
किन्तु अक्सर मन में यह प्रश्न उठता है, कि आखिर दीपावली पर मां लक्ष्मी एवं गणेश जी की पूजा को अन्य देवताओं की अपेक्षा इतनी वरीयता क्यों दी जाती है?
आइए, आज इसी प्रश्न का उत्तर और धार्मिक महत्व जानते हैं…..
"दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व"
मां लक्ष्मी धन की देवी हैं, यह हम सभी जानते हैं। उनकी कृपा से ही ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। कार्तिक अमावस्या की पावन तिथि पर धन की देवी को प्रसन्न कर समृद्धि का आशीर्वाद लिया जाता है।
दीपावली से पहले आने वाली शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी के जन्मोत्सव की भांति मनाया जाता है। तत्पश्चात् दीपावली पर उनका पूजन कर धन-धान्य का वर प्राप्त किया जाता है।
"दीपावली पर गणपति पूजा का महत्व"
भगवान श्री गणेश को बुद्धि के देवता कहा गया है। हिंदू धर्म में कोई भी पूजा एवं कर्मकांड गणेश पूजन के बिना शुरू नहीं किया जाता। दीपावली पर गणपति पूजा की यह भी एक वजह है। साथ ही धन की देवी लक्ष्मी की पूजा से समृद्धि का आशीर्वाद मिलने के पश्चात् व्यक्ति को सद्बुद्धि की आवश्यकता होती है। जिससे वह इस धन का उपयोग सही कार्यों के लिए करे। इसी प्रार्थना के साथ दीपावली पर गणपति पूजा की जाती है, कि ‘हे प्रथम पूजनीय श्री गणेश हमें सद्बुद्धि प्रदान कर सन्मार्ग पर आगे बढ़ने का वरदान दें।’
धन्यवाद
प्रेम से बोलिए ………….
गणेश जी महाराज की जय हो ।
मां लक्ष्मी मैया की जय हो ।।
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