बृहस्पति ग्रह जप एवं पूजन
- विधिपूर्वक बृहस्पति ग्रह पूजन करवाने में 3 दिन व अधिकतम 5 दिन लगता हैं।
"बृहस्पति / गुरु ग्रह की शांति हेतु उपाय"
ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह धन और ज्ञान का प्रतीक है। पुराणों में बृहस्पति को देवगुरु का स्थान दिया गया है। वैदिक ज्योतिष में गुरु को सबसे शुभ ग्रह माना गया है। बृहस्पति को अंगिरा ऋषि का पुत्र कहा गया है। वह दक्ष प्रजापति के पुत्र थे। उन्होंने नीति एवं न्याय का उपदेश दिया था। अंगिरा के पुत्र बृहस्पति देवताओं के गुरु तथा पुरोहित थे। वह अपने ज्ञान से देवताओं को उनका यज्ञभाग प्राप्त करा देते थे। बृहस्पति को देवताओं के गुरु और सूर्यमण्डल में ग्रहत्व, देवों के देव महादेव की कृपा से प्राप्त हुआ है।
बृहस्पति / गुरु की शांति के लिए किसी योग्य आचार्य के द्वारा 19000 मंत्रों का जाप संपन्न कराए | जिससे मंगल दोष समाप्त होता है |
"बृहस्पति / गुरु ग्रह की महत्ता"
जन्मकुंडली में बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह है यह धन तथा ज्ञान का कारक ग्रह है। इस कारण यदि कुंडली में गुरु शुभ स्थिति में है तो जातक धनवान के साथ-साथ विद्वान भी होता है। बृहस्पति अपने याचक को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। ये जातक को सन्मार्ग पर चलाते है तथा उनकी रक्षा भी करते हैं।
जिस जातक की जन्मकुंडली में गुरु मजबूत है वह शिक्षा के क्षेत्र में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। गुरु के साथ ग्रहों की युति से अनेक प्रकार के योग उत्पन्न होते हैं। गुरु और चन्द्रमा की युति से ‘गजकेसरी योग’, केंद्र में उच्च का होने पर ‘हंस योग’ का निर्माण करता है ।
बृहस्पति ग्रह निम्नलिखित का कारक ग्रह है :-
ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, गणित, अध्यापक, विद्वान, विदेश में घर, न्यायधीश, सलाहकार, सुंदरता, बैंक, यश, विद्यार्थी, गाय, मीठेफल, नदी, जंघा इत्यादि का कारक ग्रह है।
"बृहस्पति / गुरु ग्रह और स्वास्थ्य"
बृहस्पति ग्रह स्वास्थ्य को अधिक रूप से प्रभावित करता है।
नौकरी से लेकर रुपए-पैसों की दिक्कत दूर होगी, यदि गुरुवार को इनमें से कोई भी एक उपाय किया जाए, तो उससे गुरु का प्रभाव समाप्त होता है l
1) गुरुवार के दिन बृहस्पति भगवान की पूजा करने एवं व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है। इससे व्यक्ति के बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।
2) स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनकर ‘ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा प्रत्येक गुरुवार को करने से आपकी शादी में आ रही बाधाएं दूर हो जाएंगी।
3) जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर है उन्हें गुरुवार के दिन सुबह केले के पेड़ की जड़ में हल्दी मिश्रित जल चढ़ाना चाहिए। इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होंगे।
4) प्रत्येक व्यक्ति को गुरुवार के दिन सात्विक भोजन करने एवं अपने सामर्थ्य अनुसार एक, पांच एवं ग्यारह ब्राम्हणों को भोजन कराने से लाभ होगा।
5) यदि आपका कोई भी काम आसानी से नहीं बनता है तो गुरुवार के दिन अपने कपड़े में चने की दाल बांध लें। अब आप जहां कहीं भी जा रहे हो उस कपड़े को पहनकर जाएं। ऐसा करने से आपका काम बन जाएगा।
6) किस्मत को चमकाने के लिए गुरुवार के दिन पीले कपड़े में केले के पेड़ की जड़ लपेट कर अपने दाहिने हाथ में बांधे l
गुरुवार का व्रत रखने एवं सात्विक भोजन करने से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है।
धन्यवाद
नवग्रह देवता की कृपा आप पर सदैव बनी रहे l।
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